नई दिल्ली. पिछले दशक के सबसे बहुचर्चित आरुषि तलवार और हेमराज वनजाडे दोहरे हत्याकांड से पर्दा कभी नहीं उठ पाएगा। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने गाजियाबाद स्थित विशेष अदालत में केस बंद करने के लिए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। इसलिए कोई यह नहीं बता पाएगा कि १४ वर्षीय आरुषि तलवार और उसके घरेलू नौकर हेमराज को १५/१६ मई २००८ की रात को किसने बेहद बर्बर तरीके से मार डाला था। लगभग ढाई साल तक करोड़ों रुपए खर्च करने और हर एक वैज्ञानिक और फॉरेंसिक टेस्ट और जांच के बाद सीबीआई के धुरंधर जांचकर्ता यह पता लगाने में विफल रहे कि वे कौन लोग थे, जो डॉक्टर राजेश तलवार व नुपूर तलवार के नोएडा स्थित जलवायु विहार के फ्लैट में इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था। इस बीच आरुषि के माता पिता ने कहा है कि वे सीबीआई के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
इससे पहले सीबीआई की प्रवक्ता विनीता ठाकुर ने कहा कि जांच एजेंसी ने यह रिपोर्ट इसलिए दायर की है क्योंकि हत्याकांड के प्रत्येक पहलू की बारीकी से जांच करने के बाद भी घटनास्थल पर पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए थे। सीबीआई का मानना है कि जांच ‘डेड एंड’ पर पहुंच चुकी है और इसमें कोई भी निष्कर्ष निकलना मुश्किल है। गौरतलब है कि डेंटिस्ट दंपती राजेश और नूपुर तलवार की 14 वर्षीय बेटी आरुषि 15-16 मई 2008 की दरम्यानी रात को नोएडा में जलवायु विहार स्थित अपने घर में मृत पाई गई थी। गला रेतकर उसकी हत्या की गई थी। पहले घर के 45 वर्षीय नौकर हेमराज पर शक किया गया जो हत्या के बाद गायब था। लेकिन अगले ही दिन घर की छत पर उसकी लाश भी मिली थी।
अपील करेंगे तलवार दंपती : सीबीआई के कदम से तलवार दंपती नाराज हैं। उन्होंने मामला बंद करने की रिपोर्ट के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। डॉ. राजेश ने सीबीआई और उत्तरप्रदेश पुलिस पर हत्या के इस मामले की ही ‘हत्या’ कर देने का आरोप लगाया।
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